आज के समय में जब किसान रासायनिक खाद और कीटनाशकों के दुष्परिणामों से परेशान होकर जैविक खेती की ओर रुख कर रहे हैं, तब ज़रूरत है ऐसे प्राकृतिक विकल्पों की जो फसल को सुरक्षित रखते हुए उपज को भी बढ़ाएं। Trichoderma एक ऐसा ही जैविक उत्पाद है, जो मिट्टी और पौधों के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
🧬 Trichoderma क्या है?
Trichoderma एक प्रकार का लाभकारी फफूंदी (fungus) है, जो प्राकृतिक रूप से मिट्टी में पाया जाता है। यह फसल की जड़ों के पास रहकर हानिकारक रोगों से रक्षा करता है और पौधे की वृद्धि को प्रोत्साहित करता है। यह जैव नियंत्रण एजेंट (bio-control agent) के रूप में कार्य करता है।
🌾 जैविक खेती में Trichoderma के उपयोग
- मिट्टी की गुणवत्ता सुधारना
Trichoderma जैविक गतिविधियों को बढ़ाता है, जिससे मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ती है और पोषक तत्वों की उपलब्धता बेहतर होती है। - बीज उपचार में उपयोग
Trichoderma को बीजों पर लगाने से बीज को फफूंदीजनित बीमारियों (जैसे damping off, root rot) से बचाव मिलता है। - जड़ सड़न रोगों से सुरक्षा
यह फसल को जड़ सड़न, कॉलर रॉट, वाइब्रियोसिस जैसी बीमारियों से प्रभावी रूप से बचाता है। - पौधे की वृद्धि को बढ़ावा
यह पौधे की जड़ों की वृद्धि में सहायता करता है, जिससे पोषण ग्रहण करने की क्षमता बढ़ती है। - अन्य रोगजनकों पर नियंत्रण
Trichoderma अन्य हानिकारक फफूंदों जैसे Fusarium, Rhizoctonia, और Pythium के विकास को रोकता है।
🧪 Trichoderma के उपयोग की विधि
- बीज उपचार:
5-10 ग्राम Trichoderma को प्रति किलो बीज पर लगाएं और सूखा छाया में रखें। - मिट्टी में मिलाना:
1 किलो Trichoderma को 50 किलो सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर खेत में डालें। - जड़ उपचार:
पौधों की जड़ों को Trichoderma घोल में 15–30 मिनट तक डुबोकर लगाएं। - फसल के दौरान छिड़काव:
पानी में घोल बनाकर फसल के आसपास छिड़काव करें, विशेषकर बारिश के मौसम में।
✅ Trichoderma के लाभ
- पूरी तरह जैविक और पर्यावरण के अनुकूल
- मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है
- रोगों से प्राकृतिक बचाव प्रदान करता है
- उपज और गुणवत्ता दोनों में सुधार
- कीटनाशक उपयोग में कमी लाकर लागत में बचत
🔚 निष्कर्ष
Trichoderma न केवल जैविक खेती को मजबूती देता है, बल्कि यह पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित विकल्प है। हर जैविक किसान को इसकी महत्ता समझनी चाहिए और खेती में नियमित रूप से इसका प्रयोग करना चाहिए। यदि आप टिकाऊ और लाभदायक खेती की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, तो Trichoderma को अपनी खेती का हिस्सा ज़रूर बनाएं|